SHIV CHAISA SECRETS

Shiv chaisa Secrets

Shiv chaisa Secrets

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धूप दीप नैवेद्य चढ़ावे। शंकर सम्मुख पाठ सुनावे॥

अर्थ: हे भगवन, देवताओं ने जब भी आपको पुकारा है, तुरंत आपने उनके दुखों का निवारण किया। तारक जैसे राक्षस के उत्पात से परेशान देवताओं ने जब आपकी शरण ली, आपकी गुहार लगाई।

पुरब प्रतिज्ञा तासु पुरारी ॥ दानिन महँ तुम सम कोउ नाहीं ।

बाम अंग सोहत छवि न्यारी ॥ कर त्रिशूल सोहत छवि भारी ।

श्री गणेश गिरिजा सुवन, मंगल मूल सुजान।

सांचों थारो नाम हैं सांचों दरबार हैं - भजन

लवनिमेष महँ मारि गिरायउ ॥ आप जलंधर असुर संहारा ।

अंग गौर शिर गंग बहाये। मुण्डमाल तन क्षार लगाए॥

जय जय तुलसी भगवती सत्यवती सुखदानी। नमो नमो हरि प्रेयसी श्री वृन्दा गुन खानी॥

दिल्ली के प्रसिद्ध हनुमान बालाजी मंदिर

Whosoever offers incense, Prasad and performs arati to Lord Shiva, with Shiv chaisa like and devotion, enjoys material joy and spiritual bliss in this world and hereafter ascends to the abode of Lord Shiva. The poet prays that Lord Shiva taken off the struggling of all and grants them Everlasting bliss.

पाठ करने से पहले गाय के घी का दिया जलाएं और एक कलश में shiv chalisa lyricsl शुद्ध जल भरकर रखें।

आप जलंधर असुर संहारा। सुयश तुम्हार विदित संसारा॥

लिङ्गाष्टकम्

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